Saturday, January 11, 2014

पर्स की कहानी


आऒ सुनाओ तुम्हें मेरी कहानी
आऒ सुनाओ तुम्हें मेरी कहानी
पुछोगे तुम किसकी हूँ  मैं नानी

तो लो तुम्हें बताऊ नहीं हूँ मैं किसी की नानी
मैं तो हूँ पर्स एक लड़की की जिसका नाम है रानी

छोटी सी मैं पर्स उसमें चीजें हैं दस
मुझमें सिर्फ दो ही ख़ाने
रानी भरती मुझमें दिन के चार टिफिन के खाने

सुबह खाने में होता ब्रेड बटर
उंसकी खुशबु से होता मेरे मुंह में चटर पटर

खाने में होता पुड़ी आलू
उसे भी टेस्ट करती मैं बनकर चालू

शाम के नाश्ते में होता बिस्किट
उसके साथ मिलकर नाचती मैं धाधा तिरकिट

रोज होता मुझमें एक फ्रूट
मन करता उस पर जाऊ मैं टूट

इस तरह मुझमे होता एक किलो का खाना
पानी कि बोतल को भी पड़ता जमाना

हाय यह है मेरी कहानी
हाय यह है मेरी कहानी
सुन लो मेरी यह सुनवाई
















इसके अलावा मुझमें होता कॉस्मेटिकस
रानी सुधरती जिससे अपने चहरे का प्लास्टिक

मुझमे होता एक कंघा
जो चुभता रहत मुझे हर एक घंटा

मुझमे होता एक पाउडर परफ्यूम का डब्बा
जो महकता रहता मेरी बॉडी का चप्पा चप्पा

एक है लाल लिपस्टिक
जो मुझे भी लगता रापचिक

मुझमे रहता एक लाइनर काजल मस्कारा
जिसे लगाकर रानी लगाती मधुबाला

इस तरह मुझमे है नंबर ऑफ़ आइटम्स
जिससे रानी होती एक हॉट पॉपुलर आइटम

यह है मेरी कहानी
कहो कैसी लगी तुम्हे मेरी जुबानी
यही खत्म नहीं होती मेरी दुहाई
सुन लो और रानी के अत्याचारो कि गवाही

रानी करती नहीं मुझसे प्यार
साफ करती नहीं मुझे एक भी बार

चेन हो गए है मेरी ख़राब
सुधारने कि फुरसत नहीं उसे एक भी बार

फट जायी हू नीचे से
क्यों नहीं बदलती वो मुझे नए सिरे से

होती नहीं मुझे एक भी छुट्टी
ले जाती मुझे सन्डे भी जबरजस्ती

मोबाइल के वाइब्रेशन से हो गए है मेरी तबियत ख़राब
सोच रही हु कब होगी मेरे तबादले की बात

काश रानी का होता बॉयफ्रेंड
देता उसे नया पर्स बदलने के बाद हर एक नया ट्रेंड

ये है मेरी  दुःखभरी कहानी
ये है मेरी दुःखभरी कहानी
बचाओ मुझे इस लड़की से जिसका नाम है रानी 

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