आऒ सुनाओ तुम्हें मेरी कहानी
आऒ सुनाओ तुम्हें मेरी कहानी
पुछोगे तुम किसकी हूँ मैं नानी
तो लो तुम्हें बताऊ नहीं हूँ मैं किसी की नानी
मैं तो हूँ पर्स एक लड़की की जिसका नाम है रानी
छोटी सी मैं पर्स उसमें चीजें हैं दस
मुझमें सिर्फ दो ही ख़ाने
रानी भरती मुझमें दिन के चार टिफिन के खाने
सुबह खाने में होता ब्रेड बटर
उंसकी खुशबु से होता मेरे मुंह में चटर पटर
खाने में होता पुड़ी आलू
उसे भी टेस्ट करती मैं बनकर चालू
शाम के नाश्ते में होता बिस्किट
उसके साथ मिलकर नाचती मैं धाधा तिरकिट
रोज होता मुझमें एक फ्रूट
मन करता उस पर जाऊ मैं टूट
इस तरह मुझमे होता एक किलो का खाना
पानी कि बोतल को भी पड़ता जमाना
हाय यह है मेरी कहानी
हाय यह है मेरी कहानी
सुन लो मेरी यह सुनवाई
इसके अलावा मुझमें होता कॉस्मेटिकस
रानी सुधरती जिससे अपने चहरे का प्लास्टिक
मुझमे होता एक कंघा
जो चुभता रहत मुझे हर एक घंटा
मुझमे होता एक पाउडर परफ्यूम का डब्बा
जो महकता रहता मेरी बॉडी का चप्पा चप्पा
एक है लाल लिपस्टिक
जो मुझे भी लगता रापचिक
मुझमे रहता एक लाइनर काजल मस्कारा
जिसे लगाकर रानी लगाती मधुबाला
इस तरह मुझमे है नंबर ऑफ़ आइटम्स
जिससे रानी होती एक हॉट पॉपुलर आइटम
यह है मेरी कहानी
कहो कैसी लगी तुम्हे मेरी जुबानी
यही खत्म नहीं होती मेरी दुहाई
सुन लो और रानी के अत्याचारो कि गवाही
रानी करती नहीं मुझसे प्यार
साफ करती नहीं मुझे एक भी बार
चेन हो गए है मेरी ख़राब
सुधारने कि फुरसत नहीं उसे एक भी बार
फट जायी हू नीचे से
क्यों नहीं बदलती वो मुझे नए सिरे से
होती नहीं मुझे एक भी छुट्टी
ले जाती मुझे सन्डे भी जबरजस्ती
मोबाइल के वाइब्रेशन से हो गए है मेरी तबियत ख़राब
सोच रही हु कब होगी मेरे तबादले की बात
काश रानी का होता बॉयफ्रेंड
देता उसे नया पर्स बदलने के बाद हर एक नया ट्रेंड
ये है मेरी दुःखभरी कहानी
ये है मेरी दुःखभरी कहानी
बचाओ मुझे इस लड़की से जिसका नाम है रानी
No comments:
Post a Comment