Monday, February 2, 2015

आज मन फिर से हैरान है

आज मन फिर से हैरान है
तुम्हारी यादों का यह तूफ़ान है

तुम्हारी यादों का यह तूफ़ान है
बह गया मेरा दिल का यह मकान है

बह गया मेरे दिल का मकान है
ख्वाहिशो का अब ना नामो निशान है

ख्वाहिशो का अब ना नामो निशान है
मेरे सपनो की दुनिया ये वीरान है

मेरे सपनो की दुनिया ये वीरान है
ये कैसा मेरा इम्तेहान है

ये कैसा मेरा इम्तेहान है
आज मन फिर से हैरान है

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